Saturday 14 February 2015

लघुकथा:-गुरुकुल
---------------------------------------अरे यह क्या बच्चे क्यों इस तरह खुले स्थान पर पढ़ाई कर रहें हैं । स्कूल की बिल्डिंग कहाँ गई और शिक्षक कहाँ हैं ? शिक्षा मंत्री ने बी०एस०ए० से छूटते मुँह सवाल किया । मंत्री जी के औचक निरीक्षण ने कई सारे सवाल खड़े कर दिये । अपने गाँव में बच्चों की निःशुल्क शिक्षा हेतु कुछ ही वर्ष पूर्व उन्होंने विद्यालय की नींव रखी थी । मंत्री जी के अपने ही गाँव में ऐसा जबरदस्त घोटाला जिस प्राथमिक विद्यालय के लिये बड़े पैमाने पर शिक्षा मित्रों की भर्तियां की गई थी उनको आत्ममंथन करने के लिये मजबूर कर दिया कि चुनाव में हुआ खर्चा , नादान परिंदों के भाग्य से खिलवाड़ करके ,ऐसे वसूला जायेगा ।

(पंकजजोशी) सर्वाधिकारसुरक्षित ।
लखनऊ । उ०प्र०
14/02/2015

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