लघुकथा - सरोगेट मदर
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वैशाली और आनंद की शादी को कई साल
होने को आयें हैं पर आज तक उन्हें ईश्वर की कृपा प्राप्त नहीं हुई।
आनंद
एक बड़ी कंपनी में सीईओ है । उसकी सेक्रेटरी , जिसके
लाल टमाटर जैसे गाल ऊपर से खूबसूरत जिस्म ,
कम्पनी की तरफ से क्लाइंट के लिए सारी पार्टियों का संचालन सब कुछ
उसके द्वारा होता है ।
आनंद जब भी टूर पर
जाता तो एनी भी उसके साथ जाती । वह अपने को एक बेहतर सेक्रेटरी ,और बेहतर सेल्स गर्ल पहले ही साबित कर चुकी थी ।
उसी की बदौलत कंपनी को सारे टेंडर मिलते हैं
एक बार टूर पर कुछ ऐसा हुआ ........कि कभी खिन्न रहने वाला आनंद अब
प्रसन्न रहने लगा है ।
हर
वीकेंड पर वैशाली को घुमाना और महंगे गिफ्ट देना अब उसकी आदत मे शुमार हो चुका है ।
वैशाली भी उसके परवर्तित रुप से खुश है ।
बहाने
से एक दिन वह वैशाली को अपने परिचय की डा०मित्र के घर ले गया और बातों ही बातों
में सरोगेट मदर का विषय आनंद ने उठा दिया। जब डाक्टर ने वैशाली को इसके
बारें में विस्तारपूर्वक समझाया तो वह तैयार हो गई और उसने इसके लिये अपनी
स्वीकृति दे दी ।
अगले
दिन डाक्टरनी की क्लिनिक में आनंद , वैशाली और
दामिनी ( ऐनी का बदला हुआ नाम ) सरोगेसि के लिए मौजूद थे ।
(पंकज
जोशी) सर्वाधिकार सुरक्षित ।
लखनऊ । उ०प्र०
16/02/2015
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