Monday 23 February 2015



 लघुकथा :- इंटरनेट का नशा
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जब तुम्हे अपने लैपटॉप से चिपके रहना था तो शादी क्यों कीअनीता ने छूटते मुँह मोहित से सवाल किया ।
अरे मैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ , इंटेरनेट पर कोई गेम नहीं खेलता हूँ । वेब डिजाइनिंग मेरा पेशा है और अगर मैं काम नहीं करूँगा तो इतना आलिशान घर और दाना पानी कहाँ से आएगा ? " मैं भले ही छोटे शहर से आई हूँ , परंतु मूर्ख नहीं हूँ । "अनीता ने मुँह फुलाते हुए बोली आपको दिन भर जो करना है करें आज से रात को ऑफिस बंद ।
पर कंपनी का हेड ऑफिस तो अमरीका है और उनका दिन तो हमारी रात होगी और काम के सिलसिले में तो उनसे इंटरनेट पर चैटिग भी करनी पड़ती है और दिन भर की रिपोर्ट भी तो देनी होती है । ऊपर से सारे क्लाइंट भी मेरे विदेशी हैं । 
अनीता समझो इसे कि तुम्हारी शादी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से हुई है ना कि किसी क्लर्क से जो सुबह 10 से 5 बजे तक की ड्यूटी करता है और झोला लटकाये शाम को घर चला आता हो ।
मुझे कोई नशा नहीं है इंटरनेट का यह मेरा जॉब है 

(पंकज जोशी) सर्वाधिकारसुरक्षित ।
लखनऊ । उ०प्र०
24/02/2015


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