Wednesday 8 July 2015

 वैधव्य
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कालेज में वह फेमस था , लड़कियां उसकी इक इक अदाओं पर मरती थी । आज फेयरवेल पार्टी थी , कामिनी उसकी सबसे अच्छी दोस्तों में से एक थी , कामिनी ने कागज का एक टुकड़े में कुछ लिखा और उसके कान में कुछ कहा ।

" यह क्या बेहूदा मजाक है उसने कागज के टुकड़े  टुकड़े कर हवा में उड़ा दिया ।

कुछ दिनों  उसको पता चला कि सुनील की एक्सीडेंट से मौत हो गई है ।

तब से उसने मौन  वैधव्य  धारण कर अपना जीवन उसके नाम कर दिया ।

( पंकज जोशी  ) सर्वाधिकार सुरक्षित ।

लखनऊ । उ.प्र

08/07/2015

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