" दंड "
------------------
" क्यों चौधरी आज तुझे सांप क्यूँ सूँघा हुआ है, जब तेरे घर से बारात उलटे वापस चली गई ? यही पगड़ी तब क्यों ना उतरी ? जब तू बरसों पहले श्यामा के घर से बारात वापस ले आया था ! तुझे उसी का श्राप लगा है ।"
अस्पताल के बिस्तर में फालिज की मार खाये चौधरी की आत्मा उसको रह रह कर कचोट रही थी ।
( पंकज जोशी ) सर्वाधिकार सुरक्षित ।
लखनऊ । उ. प्र
29/08/2015
No comments:
Post a Comment